भारत की सम्मान प्रणाली
भारतीय गणराज्य द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों हेतु प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। निन्मलिखित अनेक प्रकार के पुरस्कार/ सम्मान हैं जो अलग-अलग भिन्न कारणों व परिस्थितियों के अनुसार दिए जाते हैं। भारत रत्न,परम वीर चक्र,पद्म सम्मान,शौर्य चक्र,अशोक चक्र इनमें से प्रमुख हैं।
भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। भारत रत्न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है। पद्म विभूषण के बाद तीसरा नागरिक सम्मान पद्म भूषण है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।
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भारतीय गणराज्य द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों हेतु प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। निन्मलिखित अनेक प्रकार के पुरस्कार/ सम्मान हैं जो अलग-अलग भिन्न कारणों व परिस्थितियों के अनुसार दिए जाते हैं। भारत रत्न,परम वीर चक्र,पद्म सम्मान,शौर्य चक्र,अशोक चक्र इनमें से प्रमुख हैं।
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सम्मान की जानकारी | ||
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प्रकार | नागरिक | |
श्रेणी | सम्मान | |
स्थापना वर्ष | 1954 | |
अंतिम अलंकरण | 2019 | |
कुल अलंकरण | 48 | |
अलंकरणकर्ता | भारत सरकार | |
विवरण | एक पीपल के पत्ते पर सूर्य की प्लैटिनम छवि के संग देवनागरी लिपि में खुदा हुआ भारत रत्न | |
प्रथम अलंकृत | सर्वपल्ली राधाकृष्णन | |
अंतिम अलंकृत | नानाजी देशमुख(मरणोपरांत) भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) प्रणव मुखर्जी |
नागरिक पुरस्कार civilian award
BHARAT RATNA
यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। . पहला भरत रत्न सम्मान देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया था.
देश की भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी सबसे कम उम्र में ये सम्मान पाने वाली महिला थीं. श्री राजीव गाँधी को मरणोपरांत ये सम्मान प्राप्त हुआ, मरणोपरांत इस सम्मान को सबसे कम उम्र में पाने वाले लोगों में श्री राजीव गाँधी थे. अपने जीवन काल में सबसे अधिक आयु में ये सम्मान पाने वाले श्री गुलजारीलाल नंदा हैं. मरणोपरांत ये सम्मान पाने वाले सबसे अधिक आयु वाले श्री सरदार पटेल थें.
प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।

IMPORTANT FACTS
मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 mm गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न" और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरान्त स्वरूप को लेकर प्रश्न उठाया गया था। इसीलिए भारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त सम्मान वापस लिये जाने का यह एकमेव उदाहरण है।
भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आयी तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिये। बाद में 1992 में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।
The Bharat Ratna is the highest civilian award of the Republic of India. Instituted in 1954, the award is conferred “in recognition of exceptional service/performance of the highest order”, without distinction of race, occupation position, or sex. The award was originally limited to achievements in the arts, literature, science, and public services, but the government expanded the criteria to include “any field of human endeavour” in December 2011.
The first recipients of the Bharat Ratna were politician C. Rajagopalachari,
philosopher Sarvepalli Radhakrishnan,
and scientist C. V. Raman, who was honoured in 1954.
Since then, the award has been bestowed on 45 individuals, including 12 who were awarded posthumously.
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Name of the Awardees | Year | |
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1 | Shri C. Rajagopalachari | 1954 |
2 | Dr.Sarvepalli Radhakrishnan | 1954 |
3 | Dr.C. V. Raman | 1954 |
4 | Dr.Bhagwan Das | 1955 |
5 | Dr.M Visvesvaraya | 1955 |
6 | Pt. Jawaharlal Nehru | 1955 |
7 | Pt. Govind Ballabh Pant | 1957 |
8 | Dr.Dhondo Keshav Karve | 1958 |
9 | Dr.Bidhan Chandra Roy | 1961 |
10 | Shri.Purushottam Das Tandon | 1961 |
11 | Dr.Rajendra Prasad | 1962 |
12 | Dr.Zakir Husain | 1962 |
13 | Dr.Pandurang Vaman Kane | 1963 |
14 | Shri Lal Bahadur Shastri (posthumous) | 1966 |
15 | Smt.Indira Gandhi | 1971 |
16 | Shri V. V. Giri | 1975 |
17 | Shri K. Kamaraj(posthumous) | 1976 |
18 | Mother Teresa | 1980 |
19 | Shri Acharya Vinoba Bhave | 1983 |
20 | Khan Abdul Ghaffar Khan | 1987 |
21 | Shri M. G. Ramachandran | 1988 |
22 | Dr.B. R. Ambedkar | 1990 |
23 | Nelson Mandela | 1990 |
24 | Shri.Rajiv Gandhi (posthumous) | 1991 |
25 | Sardar Vallabhbhai Patel (posthumous) | 1991 |
26 | Shri Morarji Desai | 1991 |
27 | Maulana Abul Kalam Azad (posthumous) | 1992 |
28 | Shri J. R. D. Tata | 1992 |
29 | Shri Satyajit Ray | 1992 |
30 | Shri Gulzarilal Nanda | 1997 |
31 | Smt.Aruna Asaf Ali(posthumous) | 1997 |
32 | Dr.A. P. J. Abdul Kalam | 1997 |
33 | Smt.M. S. Subbulakshmi | 1998 |
34 | Shri Chidambaram Subramaniam | 1998 |
35 | Loknayak Jayaprakash Narayan (posthumous) | 1999 |
36 | Professor Amartya Sen | 1999 |
37 | Lokpriya Gopinath Bordoloi (posthumous) | 1999 |
38 | Pandit Ravi Shankar | 1999 |
39 | ShushriLata Mangeshkar | 2001 |
40 | Ustad Bismillah Khan | 2001 |
41 | Pandit Bhimsen Joshi | 2009 |
42 | Professor C. N. R. Rao | 2014 |
43 | Shri Sachin Tendulkar | 2014 |
44 | Pandit Madan Mohan Malaviya (posthumous) | 2015 |
45 | Shri Atal Bihari Vajpayee | 2015 |
46 | Pranab Mukherjee | 2019 |
47 | Bhupen Hazarika | 2019 |
48 | Nanaji Deshmukh | 2019 |
प द्म विभूषण सम्मान
पद्म विभूषण![]() | ||
सम्मान की जानकारी | ||
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प्रकार | नागरिक | |
श्रेणी | सामान्य | |
स्थापना वर्ष | 1954 | |
प्रथम अलंकरण | 1954 | |
अंतिम अलंकरण | ||
कुल अलंकरण | 2 | |
अलंकरणकर्ता | भारत सरकार | |
पूर्व नाम | पद्म विभूषण, पलहा वर्ग | |
फीता | मध्यम गुलाबी | |
प्रथम अलंकृत | सत्येन्द्र नाथ बोस व अन्य (1954) | |
अंतिम अलंकृत | रघुनाथ माशेलकर, बी के एस अयंगार(2014) |
पद्म भूषण सम्मान
भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है।
भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है।
पद्म भूषण | ||
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सम्मान की जानकारी | ||
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प्रकार | नागरिक | |
श्रेणी | सामान्य | |
स्थापना वर्ष | 1954 | |
प्रथम अलंकरण | 1954 | |
अंतिम अलंकरण | 2019 | |
कुल अलंकरण | 1254 | |
अलंकरणकर्ता | भारत सरकार |
पद्म श्री | ||
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पुरस्कार संबंधी सूचना | ||
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प्रकार | नागरिक | |
वर्ग | राष्ट्रीय | |
स्थापित | 1954 | |
प्रथम अलंकरण | 1954 | |
पिछला अलंकरण | 2010 | |
कुल प्राप्तकर्ता | 2336 | |
प्रदाता | भारत सरकार |
पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है। इसके अग्रभाग पर, "पद्म" और "श्री" शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं
यह पुरस्कार बाकि उपर लिखे गए पुरस्कार से निचले स्तर का है. इसमें किसी क्षेत्र में उपलव्धि के लिए ये पुरस्कार प्रदान किया जाता है. कोई भी व्यक्ति जो कुछ भी काम करता हो, जेंडर का हो, पदम् पुरस्कार के लिए अपने आपको रजिस्टर कर सकता है. अगर किसी व्यक्ति को कोई पदम् पुरस्कार मिला है तो अगले स्तर का पदम् पुरस्कार उसे कम से कम 5 साल के बाद मिल सकता है. लेकिन यदि कोई अतियोग्य व्यक्ति है, तो पुरस्कार समिति द्वारा उसे रिअयात दे दी जाती है. योग्य व्यक्तियों के नाम भारत सरकार हर साल राज्य सरकार, मंत्रियों से मांगती है जो 1 अक्टूबर तक आ जाते है. पुरस्कार समिति और देश के प्रधानमंत्री साथ मिल कर पुरस्कार देने वालों की सूची तैयार करती है. फिर ये सूची राष्ट्रपति के पास जाती है, जिस पर वो हस्ताक्षर करते है. 1 साल में 120 से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जा सकते. पुरस्कार विजेता के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किये जाते है. राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति का नाम किसी भी वक्त रद्द कर सकते है. पुरस्कार 26 जनवरी को राष्ट्रपति के द्वारा घोषित किये जाते है. पुरस्कार समारोह राष्ट्रपति भवन में मार्च – अप्रैल में आयोजित होता है, जहाँ राष्ट्रपति खुद सभी को पुरस्कार से सम्मानित करते है. पुरस्कार के तौर पर एक मैडल और सम्मान पत्र होता है जिस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते है. इसी दिन एक ब्रोचर भी रिलीज किया जाता है, जिस पर सभी विजेताओं के बारे में लिखा होता है. पुरस्कार के साथ कोई टाइटल नहीं मिलता है और ना ही नाम के आगे या पीछे कुछ जोड़ा जाता है. विजेता के नाम पर कोई किताबें, कार्ड्स या पोस्टर्स नहीं निकाले जाते है. पुरस्कार मिलने के बाद अगर कोई व्यक्ति गलत कार्य करता है, तो उस व्यक्ति से यह सम्मान वापस लेने का भी प्रावधान है. पुरस्कार के साथ कोई भी आर्थिक मदद और रेल, हवाई यात्रा में विशेष अधिकार नहीं दिया जाता है.
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