आजकल पैसा एक ऐसी चीज है जो कि लोगों की जिंदगी की पहली प्राथमिकता हैं। क्योंकि पैसे के बिना अपनी जिंदगी की मूलभूत जरूरतें जैसे रोटी, कपड़ा और मकान को पूरा नहीं किया जा सकता है।
Banknotes currently in circulation in India
Freq. used | ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500, ₹2000 |
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Rarely used | ₹1, ₹2, ₹5 |

The values of the subdivisions of the rupee during British rule (and in the first decade of independence) were:
- 1 rupee = 16 anna (later 100 naye paise)
- 1 ardharupee = 8 anna, or 1⁄2 rupee (later 50 naye paise)
- 1 pavala = 4 anna, or 1⁄4 rupee (later 25 naye paise)
- 1 beda = 2 anna, or 1⁄8 rupee (later equivalent to 12.5 naye paise)
- 1 anna = 1⁄16 rupee (later equivalent to 6.25 naye paise)
- 1 paraka = 1⁄2 anna (later equivalent to 3.125 naye paise)
- 1 kani (pice) = 1⁄4 anna (later equivalent to 1.5625 naye paise)
- 1 damari (pie) = 1⁄12 anna (later equivalent to 0.520833 naye paise)
- 1 Athanni (dheli) = 1⁄2 rupee
- 1 Chawanni = 1⁄4 rupee
- 1 Dawanni = 1⁄8 rupee
- 1 Anna/Ekanni = 1⁄16 rupee
- 1 Taka/Adhanni = 1⁄32 rupee
- Paisa = 1⁄64 rupee
- Dhela = 1⁄128 rupee (1⁄2 paisa)
- Pie = 1⁄3 paisa = 1⁄192 rupee
- Damari = 1⁄4 paisa = 1⁄256 rupee.
रुपया शब्द का अर्थ
रुपया शब्द “रुप्यकम” से आया है। रुप्यकम का अर्थ होता है, चांदी का सिक्का।
Indian Currency History
रुपए के इतिहास पर गौर करें तो सबसे पहले रुपया शब्द का इस्तेमाल शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में किया था। लेकिन यह भी माना जाता है कि मौर्य समाज से पहले ही पैसा भारत में आ गया था।
वैसे तो माना जाता है कि पैसा भारत में मौर्य समाज से पहले ही आ गया था। पर उसका कोई स्थाई रूप देखने को नहीं मिला था। लेकिन जैसे-जैसे शासक बदलते गए वैसे-वैसे इसकी उपयोगिता और स्वरुप भी बदलता गया। फिलहाल जब शेर शाह सूरी ने हुमायूं को हराकार जब राजगद्दी संभाली संभाला उन्होनें कई बदलाव किए उन बदलावों में उस समय की मुद्रा भी थी।
शेरशाह सूरी के शासन में आया रुपया
1540-1545 में शेरशाह सूरी के शासन के दौरान रुपया शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले किया गया था।
लेकिन शेरशाह सुरी ने जिस रुपया को चलाया था, वह चांदी का सिक्का था। जिसका वजन 178 ग्रेन (11.534 ग्राम ) हुआ करता था। इसके अलावा शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में चांदी के सिक्के के साथ ही तांबे और सोने के सिक्के भी चलाए।वहीं तांबे के सिक्के को दाम कहा गया जबकि सोने के सिक्के को मोहर कहा गया। उस दौर में चांदी, तांबा और सोने के सिक्कों का प्रचलन था जिसे एक तय मानक के आधार पर बाजार में चलाया गया था।इस तरह से शेरशाह सूरी के शासन काल में चलाया गया रुपया आज भी प्रचलन में हैं।
ब्रिटिश राज के दौरान भी था रुपया का प्रचलन – Indian Currency in Circulation
आपको बता दें कि भारत में ब्रिटिश राज के दौरान भी रुपया प्रचलन में रहा, इस दौरान इसका वजन 11.66 ग्राम था और इसके भार का 91.7 फीसदी तक शुद्ध चांदी थी। वहीं ब्रिटिश सरकार ने अपने तय मानकों के आधार पर चांदी के सिक्के का मूल्य निर्धारित किया था।
पुराने जमाने में जितनी अहमियत सोने के सिक्के की थी, उतना ही महत्व चांदी के सिक्के का भी था।
जब 100 पैसों के बराबर हुआ 1 रुपया – 1 Rupee Coin Value
जैसे कि आपने सुना होगा कि एक रुपया सौ पैसों के बराबर होता है, लेकिन पुराने जमाने में ऐसा नहीं था। दरअसल पहले एक रुपए को सोलह आने या फिर चौसठ पैसे में बांटा गया था। यानी एक रुपया सोलह आने या फिर चौसठ पैसे के बराबर हुआ करता था। साल 1957 में रुपए को सौ पैसे में बांटा गया। उसके बाद एक रुपया सौ पैसों के बराबर हुआ।
इसके अलावा भारत में पैसों को नया पैसा के नाम से भी जाने जाने लगा। आपको बता दें कि भारत में भारतीय रिजर्व बैंक द्धारा मुद्रा जारी की जाती है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करता है भारतीय मुद्रा – Currency Issue in India
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास रुपए की छपाई से लेकर उसे बैंकों तक पहुंचाने और पैसों का हिसाब-किताब रखने की पूरी जिम्मेदारी होती है। यानि कि रिजर्व बैंक इंडिया आपकी जेब में रखे एक-एक पैसे का हिसाब-किताब रखती है।
साल 1935 ब्रिटिश सरकार ने रुपए जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को दे दिया था, जिसके बाद रिजर्व बैंक द्धारा 1938 में पहली बार 5 रुपए का नोट जारी किया गया था। इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि फरवरी-जून 1938 में 10 रुपए, 100 रुपए, 1, 000 रुपए और 10 हजार रुपए का नोट जारी किए थे।
1928 में नासिक में भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस लगाये जाने के पहले तक सारी कागजी मुद्राएं बैंक ऑफ इंग्लैंड से छप कर आती थीं।
स्वतंत्र भारत और कागज के नोट
आपको बता दें कि जब भारत अंग्रेजों के चुंगल से आजाद हुआ उसके बाद ही अंग्रजों द्धारा जारी मुद्रा ही भारत में चलती रही। भारत की आजादी के बाद ही भारतीय रुपया का इतिहास – History of Indian Currency शुरु होता है।
साल 1949 में जब भारत का पहला नोट जारी हुआ था, तब उसका स्वरूप एकदम अलग था, सबसे पहला नोट एक रुपए का था, इस नोट पर सारनाथ के सिंहों वाली अशोक स्तंभ की तस्वीर भी अंकित थी, जिसके बाद में लगातार नोट के स्वरूप में कई बदलाव किए गए, RBI ने ऐसे कई नोट निकाले जिनमें अलग-अलग तरह की भारतीय इमारतों के चित्रों को दर्शाया गया।
इसमें गेटवे ऑफ इंडिया(Gateway of India), बृहदेश्वर मंदिर (Brihadisvara Temple)के चित्र भी छापे गए। यही नहीं साल 1953 में भारत सरकार ने जो नोट छापा उस पर हिन्दी भाषा में लिखा गया।
1947 में डॉलर के बराबर 1 रूपये की क़ीमत कितनी थी – 1 USD to INR in 1947
आज हर भारतीय जानना चाहता हैं की भारत स्वतंत्रता के समय यानि 1947 को 1 डॉलर की कीमत कितनी थी तो हम आपको बता दे की 1947 में आज़ादी के समय 1 रुपया 1 डॉलर के बराबर था।
नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो छपने की शुरुआत- Why Mahatma Gandhi Photo on Indian Currency

1996 के बाद जो नोट छपे उनमें महात्मा गांधी की फोटो छापी गई। इससे पहले नोटों पर अशोक स्तंभ छापा जाता था। वहीं महात्मा गांधी की जो फोटो छपती है वह तब खीची गई थी जब गांधी जी, तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात करने गए थे।
वही फोटो का इस्तेमाल होता था। वहीं इसके बाद नखली नोटों को रोकने के लिए उसमें कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स डाले गये। इसके साथ ही दृष्टिहीनों की सुविधा के लिए भी आज के नोट में कई ऐसे फीचर्स डाले गये हैं, जिसे छूकर ही नकली और असली नोटों में पहचान की जा सकती है।
वहीं अगर वर्तमान नोटों की बात करें, तो 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के कागजी नोट चलन में हैं।
Facts about Indian Currency
- 1861 के समय कागजी मुद्रा कानून के तहत सिर्फ शासन को ही मुद्राएं जारी करने का अधिकार था। इसके तहत ब्रिटिश सरकार कागजी मुद्रा जारी करता था।
- आपको बता दें कि साल 1928 में नासिक में मुद्रालय खोले जाने से पहले सभी नोट बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा छापे जाते थे, 4 सालों के अंदर सभी भारतीय नोट इसी जगह से छापे जाने लगे थे।
- इसके बाद साल 1935 में भारतीय धन के प्रबंधन की पूरी जिम्मेंदारी नये बने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को दे दी गई।
- साल 1944 में भारतीय रिजर्व बैंक ने नकली नोटों को बनन से रोकने के लिए सुरक्षा के लिहाज से नोटों में सुरक्षा धागे और वॉटरमार्क का इस्तेमाल किया।
- साल 1949 में , स्वतंत्र भारत का पहला नोट एक रुपये की मुद्रा के रूप में छापा गया. इसके ऊपर सारनाथ के सिंहों वाले अशोक स्तंभ की तसवीर थी, जो बाद में भारत का राष्ट्रीय चिह्न भी बना।
- आज भारतीय मुद्रा में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है वहीं 1917 का दौर वो दौर था जिसमें 1 रुपया, 13 $ डॉलर का हुआ करता था, फिर धीरे-धीरे भारत पर कर्ज बढ़ने लगा तो भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कर्ज चुकाने के लिए रुपए की कीमत कम करने का फैसला लिया जबसे रुपए के मुकाबले अन्य देश के मुद्राएं ज्यादा मजबूत हैं।
- भारतीय नोट के बारे में अन्य रोचक बात यह भी है कि भारतीय नोट पर उसकी कीमत 15 भाषाओं में लिखी गई है।
- भारतीय नोटों की मजबूती की बात करें तो ये नोट किसी आम कागज से नहीं बने होते हैं बल्कि कॉटन के बने होते है।
- आपको बता दें कि आजादी के बाद सिक्के तांबे के बनते थे उसके बाद 1964 में एल्युमीनियम के और 1988 में स्टेनलेस स्टील के बनने शुरु हो गए।
- जो लोग नोटों पर लिखी जाने वाली संख्या को पढ़ने में असमर्थ थे उनको देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1960 में अलग-अलग रंगों के नोट छापने शुरु कर दिए ताकि लोग रंग के हिसाब से रुपए का अंतर समझ सकें।
- साल 1980 के बाद नोटों पर कला, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान से संबंधित चित्र व्यापक तौर पर छापे जाने लगे। उससे पहले कुछ राष्ट्रीय स्मारकों के चित्र भी छापे गये थे।
- साल 2011 में नोटों पर रुपये के नये चिह्न (“)की शुरुआत की गई।
- हाल ही में जारी 2000 और 500 के नोटों पर ‘स्वच्छ भारत’ अभियान का चिह्न है। पांच सौ के भूरे नोट पर लाल किला और दो हजार के गुलाबी नोट पर मंगलयान मुद्रित है।
How much Money is Printed each Year in India
दस का नोट, बीस का नोट, सौ का नोट सबका मूल्य होता है. जो घटता-बढ़ता रहता है।
कब कितने रुपए छपेंगे इसका फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है। इसे करेंसी मैनेजमेंट कहा जाता है।
किस मूल्य के कितने नोट छापे जाएंगे ये देश के विकास दर और मुद्रास्फीति की दर से निर्धारित किया जाता है। ये भी देखा जाता है कि कितने कटे-फटे नोट हैं, रिजर्व स्टॉक की कितनी जरुरत है।
कहां छपते हैं नोट ? – Where Indian Currency Printed
नोटों की छपाई के लिए देशभर में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपरमिल है.नोटप्रेस मध्यप्रदेश के देवास, नासिक, सालबोनी और मैसूर में है। एक हजार के नोटों की छपाई मैसूर में होती है। देवास के नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ से भी ज्यादा नोट छपते हैं।
कहां की स्याही का होता है इस्तेमाल ?
इसमें 20, 50, 100 और 500 रुपए के नोट शामिल हैं। नोटों की छपाई के लिए जिस स्याही का इस्तेमाल होता है, वो देवास में ही तैयार किया जाता है। नोटों की छपाई के लिए पेपर मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के सिक्यूरिटी पेपर मिल से आते हैं।
कैसे छपते हैं नोट ? – How to Print Indian Currency?
नोटों की छपाई के लिए पेपर होशंगाबाद के सिक्यूरिटी पेपर मिल से आते हैं या फिर विदेश से मंगवाए जाते हैं।उन पेपर शीट को एक खास मशीन सायमंटन में डाली जाती है। एक और मशीन ‘इंटरव्यू’ के जरिए कलर किया जाता है। शीट पर नोट छप जाते हैं।इसके बाद अच्छे और खराब नोटों की छंटाई की जाती है। खराब नोटों को निकालकर अलग कर लिया जाता है। एक शीट मे करीब 32 से 48 नोट होते हैं।
नोटों पर कैसे डाले जाते हैं नंबर ?
शीट पर छप गए नोटों पर नंबर डाले जाते हैं। फिर शीट से नोटों को काटने के बाद एक-एक नोट की जांच की जाती है।फिर इन्हें पैक किया जाता है। पैकिंग के बाद बंडलों को खास सुरक्षा ट्रेन में इन्हें भारतीय रिजर्व बैंक भेजा जाता है।इस पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा का खास ख्याल रखा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी काफी गोपनीय रखी जाती है।
कैसे पहुंचते हैं हम तक नोट ?
रिजर्व बैंक के देशभर में ऐसे 18 इश्यू ऑफिस हैं, जहां से नोटों को बैंकों में भेजा जाता है।
अहमदाबाद, बंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और थिरुवनंतपुरम में ये इश्यू ऑफिस हैं।इसके अलावा एक सब-ऑफिस लखनऊ में भी है। प्रिंटिग प्रेस में छपे नोट सबसे पहले इन ऑफिसों में पहुंचते हैं। यहां से उन्हें कमर्शियल बैंक की शाखाओं को भेजा जाता है।
फटे नोट भी कभी बेकार नहीं होते लेकिन क्यों जानिए –
जिस वक्त नोट तैयार किया जाता है, उसी वक्त उस नोट की लाइफ निर्धारित कर दी जाती है। यानि उसी वक्त ये तय कर दिया जाता है कि उस नोट की सही रहने की समय सीमा क्या होगी।इसलिए समय सीमा के खत्म होने पर या लगातार प्रचलन के चलते नोटों में खराबी आने पर रिजर्व बैंक इन्हें वापस ले लेता है।
भारत के अलावा भी देशों की करंसी के साथ जुड़ा है रुपया शब्द
इंडियन करेंसी को रुपया कहा जाता है, लेकिन रुपया शब्द सिर्फ भारतीय करेंसी के साथ ही नहीं जुड़ा है।
भारत के अलावा भी पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, मॉरिशस और सेशल्स की करेंसी को भी रुपया ही कहा जाता है।इसके अलावा इंडोनेशिया की करेंसी को भी रुपया नाम से जाना जाता है, जबकि मालदीव की मुद्रा को थोड़ा अलग रुफियाह के नाम से जाना जाता है।
दुनिया के 12 देश जहां भारतीय मुद्रा की कीमत है बहुत ज्यादा
अगर कभी भारतीय मुद्रा की बात होती है तो सबसे पहले हम उसकी तुलना डॉलर से करते हैं, जो कि सही भी है। डॉलर एक ग्लोबल करेंसी है जिसकी मांग हर देश में है। भारतीय मुद्रा रुपया , डॉलर के मुकाबले कमजोर रहता है। वर्तमान में 1 डॉलर की कीमत 69 रुपए के आस-पास है पर दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं जहां भारतीय रुपए की कीमत बहुत ज्यादा है। ऐसे देशों में आप बेहद कम खर्च में विदेश यात्रा भी कर सकते हैं, मनचाही शॉपिंग भी कर सकते हैं और एक अच्छा ट्रिप एनंज्वॉय कर सकते हैं। तो फिर देर किस बात की आइए जानते हैं दुनिया के उन देशों के बारे में जहां भारतीय रुपया ताकतवर है।
जापान
यहां आपको थोड़ा आश्चर्य हुआ होगा कि आखिर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान की मुद्रा भारतीय रुपए के मुकाबले कम है। पर ये सच भी है। अगर आप तकनीक, आधुनिकता, इतिहास और प्रकृति से नजदीक से रू-ब-रू होना चाहते हैं तो आप जापान की यात्रा कर सकते हैं। जापान में 1 भारतीय रुपए की कीमत 1.73 येन है।
वियतनाम
वियतनाम
सबसे पहले बात करते हैं वियतनाम की, यहां भारत के 100 रुपए की कीमत 35,111.04 वियतनामी डोंग है। यानि कि 1 रुपए का एक्सचेंज रेट 351.11 रुपए पड़ता है। वियतनाम बेहद खूबसूरत स्थान है और ये देश प्रकृति के बेहद करीब है। वियतनाम में घने वर्षा वन हैं और तमाम नदियां हैं जिसके कारण इसे पानी का देश भी कहा जाता है। अगर आप कुछ अलग और अनोखा देखना चाहते हैं तो आप वियतनाम जा सकते हैं।
बेलारुस
रुस का पड़ोसी देश बेलारुस बेहद खूबसूरत देश है। यहां भी भारत की करेंसी बेहद मजबूत है। बात अगर करेंसी एक्सचेंज की करें तो 1 रुपए की कीमत 286.71 बेलारुसियन रुबल है। इस लिहाज से देखा जाए तो आप बेहद कम पैसों में बेलारुस की यात्रा कर सकते हैं।
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया
बाली, जावा, सुमात्रा जैसे तमाम सुंदर द्वीपों वाला देश इंडोनेशिया सुदूर पूर्व में ऑस्ट्रेलिया के पास है। यहां भी भारतीय रुपए के जलवे हैं। हर साल लाखों भारतीय इंडोनेशिया घूमने के लिए जाते हैं आप भी बेहद कम पैसों में इंडोनेशिया की यात्रा कर सकते हैं। इंडोनेशिया में 1 भारतीय रुपए की कीमत 205 इंडोनेशियाई रुपिहा है। रुपए की ये मजबूती आपकी इंडोनेशिया की यात्रा का खर्च कम कर सकती है।
पैराग्वे
पैराग्वे
दक्षिण अमेरिका के मध्य भाग में बसा ये देश पैराग्वे दुनिया के उन चंद देशों में से है जिसकी सीमाएं समुद्र को नहीं छूती हैं। पैराग्वे भी प्रकृति के बेहद करीब है, यहां के घने जंगल, वर्षा वन और जंगली जीवों की तमाम प्रजातियां पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। पैराग्वे में 1 भारतीय रुपए की कीमत 86.90 पैराग्यूअन गुआरानी है।
कंबोडिया
कंबोडिया
थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया के करीब बसा ये देश कंबोडिया अपनी खूबसूरती और पुरातन इतिहास के लिए जाना जाता है। दुनिया का सुप्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर भी कंबोडिया में और ये मंदिर दर्शाता है कि कभी कंबोडिया राजाओं के शासन के अंतरगत था। कंबोडिया में 1 रुपए की कीमत 62 कंबोडियन रियल के बराबर है।
मंगोलिया
मंगोलिया
चीन और रूस के बीच बसा मंगोलिया भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसकी सीमाएं मुद्र से नहीं छूती हैं। मंगोलिया में घोड़ों और बकरियों की आबादी वहां रहने वालों लोगों से ज्यादा है। मंगोलिया में तीरंदाजी और घुड़सवारी लोगों के प्रमुख शौक हैं। मंगोलिया में 1 भारतीय रुपए की कीमत 37 मंगोलियन टुगरिक के बराबर हैं।
कोस्टारिका
कैरेबियन द्वीप समूह पर बसे देश कोस्टारिका को अगर आप मैप पर देखें तो ये एक आईलैंड जैसा दिखेगा। कोस्टारिका की सबसे खास बात ये है कि इस देश के पास किसी तरह की कोई सेना नहीं है। कोस्टारिका में भी भारतीय मुद्रा मजबूत है। कोस्टारिका में 1 रुपए की कीमत 9 कोस्टारिकन कोलोन है।
हंगरी
यूरोप घूमने का मन है तो आप बेहद कम पैसों में हंगरी का सफर कर सकते हैं। हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और ऑस्ट्रिया से घिरा हुआ है। हंगरी में घूमने के लायक आपको बहुत सी जगहें मिल जाएंगी। द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े कुछ स्मारक मिल जाएंगे। हंगरी में 1 भारतीय रुपए की कीमत 4 हंगेरियन फोरिंट है।
आइसलैंड अगर एडवेंचर का बहुत शौक है और नई जगहें खोजना चाहते हैं तो आइसलैंड आपके लिए बिल्कुल सही जगह है। आइसलैंड चारो तरफ से समुद्र से घिरा है। ये समुद्र के बीच एक बड़े द्वीप की तरह है। आइसलैंड यूरोप और ग्रीनलैंड के बीच बसा हुआ है। आइसलैंड में 1 भारतीय रुपए की कीमत 1.5 आइसलैंड क्रोन है।
श्रीलंका
भारत के दक्षिण में बसे इस छोटे से देश में अपार सुंदरताएं हैं। वैसे भी श्रीलंका का जिक्र भारतीय धर्मग्रंथों में कई बार मिला है। रामायण में श्रीलंका के बारे में वर्णन है। श्रीलंका भारत के सुदुर दक्षिण में बसे रामेश्वरम से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर है। श्रीलंका में 1 भारतीय रुपए की कीमत 2.36 श्रीलंकन रुपए है।
नेपाल
भारत का पड़ोसी देश और दुनिया का एक मात्र हिंदू देश रह चुके नेपाल ने अब लोकतंत्र अपना लिया है। किसी भारतीय को नेपाल जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है। लोग छोट ट्रांस्पोर्ट वाहनों और बस के जरिए नेपाल जा सकते हैं। नेपाल में 1 भारतीय रुपए की कीमत 1.60 नेपाली रुपए है।
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