भारतीय नदियों के प्राचीन और आधुनिक नामों की सूची




भारतीय नदियों के प्राचीन और आधुनिक नामों की सूची

संस्कृतियाँ समय और समाज का प्रमाणिक आइना होती हैं। यूँ तो पहाड़, आकाश, भूमि, वनस्पति, नदी जैसी प्राकृतिक संरचनाए मानवों की उत्पति से लेकर संस्कृतियों के विकास तक थी लेकिन यही संस्कृतियाँ हमे विश्व की किस भूखण्ड के लोग, किस कालखण्ड में प्रकृति की किस रचना को किस नजरिए से देखते ये समझने में हमे मदद करती हैं। इस लेख में हमने भारतीय नदियों के प्राचीन और आधुनिक नामों की सूची दी है 

संस्कृतियाँ समय और समाज का प्रमाणिक आइना होती हैं। यूँ तो पहाड़, आकाश, भूमि, वनस्पति, नदी जैसी प्राकृतिक संरचनाए मानवों की उत्पति से लेकर संस्कृतियों के विकास तक थी लेकिन यही संस्कृतियाँ हमे विश्व की किस भूखण्ड के लोग, किस कालखण्ड में प्रकृति की किस रचना को किस नजरिए से देखते ये समझने में हमे मदद करती हैं। और सबसे अहम बात विश्व की संस्कृतियों का विकास किसी ना किसी नदियों के किनारे ही हुई हैं। आइये जानते हैं- भारतीय नदियों के प्राचीन नाम को जिसकी चर्चा नीचे की गयी है।  

भारतीय नदियों के प्राचीन नाम

प्राचीन नाम
आधुनिक नाम
कुभु
कुर्रम
कुभा
काबुल
वितस्ता
झेलम
आस्किनी
चिनाव
पुरुष्णी
रावी
शतुद्रि
सतलज
विपाशा
व्यास
सदानीरा
गंडक
दृषद्वती
घग्घर
गोमती
गोमल
सुवास्तु
स्वात
सिंधु
सिन्ध
सरस्वती/दृशद्वर्ती
घघ्घर/रक्षी/चित्तग
सुषोमा
सोहन
मरुद्वृधा
मरुवर्मन
जब हम भारतीय संस्कृति की बात करते हैं तो यह मूल रूप से वैदिक संस्कृति और वैदिक संस्कृति के चार मूल ग्रंथ- ऋग्वेदअथर्ववेदयजुर्वेद और सामवेद के इर्द-गिर्द ही घूमती प्रतीत होती है। ये ग्रंथ ईश्वर के सर्वव्यापी निराकार रूप को मानते हैं। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में नदियों का खासा महत्त्व रहा है। शायद इसलिए भारतीय सामाजिक संस्कृति को भी हम गंगा-जमुनी संस्कृति कहते हैं।


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