भारत के प्रसिद्ध बौद्ध मठ



बौद्ध मठ का अर्थ ऐसे संस्थानों से है जहाँ बौद्ध धर्म के गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा, उपदेश इत्यादि प्रदान करते हैं। भगवान बुद्ध के अनुयायिओं के लिए विश्व भर में पांच मुख्य तीर्थ मुख्य माने जाते हैं :




(1) लुम्बिनी:  भगवान बुद्ध का जन्म स्थान
(2) बोधगया: वो स्थान जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
(3) सारनाथ: वो स्थान जहां बुद्ध ने दिव्यज्ञान देना प्रारंभ किया था।
(4) कुशीनगर:  यह वो स्थान है जहां बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था।
(5) दीक्षाभूमिनागपुर: यह वो स्थान है जहां भारत में बौद्ध धर्म का पुनरूत्थान हुआ था।






भारत के प्रसिद्ध बौद्ध मठ
विश्व में बौद्ध धर्म के बहुत से तीर्थ स्थल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार से हैं:- विहार, पगोडा, स्तूप, चैत्य, गुफा, बुद्ध मुर्ती एवं अन्य। भारत के प्रसिद्ध बौद्ध मठों पर नीचे चर्चा की गयी है:


1. हेमिस मठ
यह जम्मू और कश्मीर राज्य में लेह के दक्षिण-पूर्व दिशा में लगभग 45 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण 1630 ई। में स्टेग्संग रास्पा नंवाग ग्यात्सो ने करवाया था तथा 1972 में राजा सेंज नामपार ग्वालवा ने मठ का पुर्ननिर्माण करवाया था। इस मठ का निर्माण धर्म की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। तिब्बती स्थापत्य शैली में बना यह मठ बौद्ध जीवन और संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
2. ताबो मठ
यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्‍पीति जिला में स्थित है। इसका मठ का निर्माण लगभग 996 ई. में हुआ था। यह शहर एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ ताबो गोम्‍पा के चारो तरफ बसा हुआ है जिसकी स्‍थापना लोचावा रिंगचेन जंगपो (रत्‍नाभद्र) ने की थी।
3. मैक्लोडगंज मठ 
बौद्ध धर्म के लिए त्सुग्लग ख्नग काम्प्लेक्स, भारत के सबसे पवित्र जगहों में से एक है। मैक्लोडगंज के दक्षिण-पश्चिम इलाक़े में 14वें दलाई लामा का आधिकारिक निवास है। यहां तिब्बतियन बौद्ध धर्म की झलक मिलती है।
4. ठिकसे मठ
यह लेह से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक 12 मंजिला ऊँचा मठ है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलग संप्रदाय से संबद्ध एक गोम्पा (मठ) है। यहाँ पर सुन्दर और शानदार स्तूप, मूर्तियाँ, पेंटिंग,थांगका और तलवारों का एक संग्रहालय है जो पर्यटन की दृष्टि से प्रसिद्द है।


5. तवांग मठ
यह अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है और ल्हासा के पोताला महल के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है। यह तवांग नदी की घाटी में तवांग कस्बे के निकट स्थित है।

6. बैलकुप्पे मठ
यह कर्नाटक के मैसूर जिले के पश्चिम में स्थित है जहाँ "लुगस्सम सुंड्रेल लिङ" (1961 में स्थापित) और "देक्यीद लार्सो" (1969 में स्थापित) नामक दो आसन्न तिब्बती शरणार्थी बस्तियाँ स्थित हैं, साथ ही यहां कई तिब्बती बौद्ध मठ हैं।
7. शशूर मठ
यह लाहौल और स्पीति में ड्रगपा संप्रदाय का बौद्ध मठ है। यह 17 वीं शताब्दी में जांस्कर के लामा देव गीताशो द्वारा बनाया गया था जो भूटान के राजा नवांग नामग्याल का मिशनरी था।
8. मिन्द्रोल्लिंग मठ
यह तिब्बत में नियाग्मा स्कूल के छह प्रमुख मठों में से एक है। इसकी स्थापना 1676 में रिगज़िन टेरदक लिंगपा ने की थी। यह तानंगो नदी के दक्षिण की तरफ ल्हासा हवाई अड्डे से लगभग 43 किमी पूर्व में शैनान प्रीफेक्चर, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, चीन, झानांग काउंटी में स्थित है।
9. घूम मठ
यह पश्चिम बंगाल में स्थित है। 1875 ईस्वी में, लामा शेब ग्यातो ने इस मठ की स्थापना की थी। यह गेलुकपा या पीला हैट संप्रदाय से संबंधित है और मैत्रेय बुद्ध की उच्च प्रतिमा (15 मीटर) के लिए प्रसिद्द है।

10. की गोम्पा मठ
यह हिमाचल प्रदेश की लाहौल स्पीति जिले में काजा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मठ की स्‍थापना 13वीं शताब्‍दी में हुई थी। यह मठ महायान बौद्ध के जेलूपा संप्रदाय से संबंधित है।

11. लिंगडम मठ
यह उत्तर पूर्व भारत के सिक्किम की राजधानी गान्तोक में रंका के पास एक बौद्ध मठ है। यह ज़ुरमांग कागुयु परंपरा का पालन करता है।
12. अलची गोम्पा मठ
यह जम्मू और कश्मीर राज्य के लेह के पश्चिम में 65 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ हजारों वर्ष पुराने भित्ति चित्र व काष्‍ठ निर्मित उत्‍कृष्‍ट नक्‍काशी है और दसवीं शताब्दियों से भी अधिक पुरानी कलाकृतियाँ भगवान बुद्ध, लामा तथा संगीतकारों के जीवन को दर्शाती है।
13. शंकर मठ
यह लद्दाख के लेह शहर के पास स्थित है। यहकी स्थापना स्पितुक मठ की बेटी रूप में की गयी थी। इसलिए ऐसा माना जाता है की यहाँ स्पितुक मठ की बेटी-प्रतिष्ठान है और स्पितुक के एबॉट का निवास है।
14. मथो मठ
यह सिंधु नदी के तट पर स्थित एक तिब्बती बौद्ध मठ है। यह लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तरी भारत में लेह के 26 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है। यह सास्का आदेश से संबद्ध है। इसकी स्थापना 16 वीं शताब्दी में लामा तुगपा दोर्जे ने की थी।

15. नाको मठ
यह हिमाचल प्रदेश के किन्नोर जिले में स्थित है। यह 996 ईस्वी में स्थापित किया गया था। यह प्राचीन मार्गों पर सबसे पुराने मठों में से एक है। यह ग्यारहवीं सदी के पहले छमाही में लोहेन रिंचन ज़ांगपो द्वारा स्थापित किया गया था।
16. रुमटेक मठ
यह सिक्किम की राजधानी गान्तोक के निकट स्थित एक बौद्ध बिहार (गोम्पा) है। इसे 'धर्मचक्र केन्द्र' भी कहते हैं। यहाँ बहुमूल्‍य थंगा पेंटिग तथा बौद्ध धर्म के कग्‍यूपा संप्रदाय से संबंधित अनेक वस्‍तुएँ सुरक्षित अवस्‍था में रखी हुई है।





Comments